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हिंदी के क्वेश्चन सभी एग्जाम में पूछे जाते हैं हिंदी ऐसा एक सब्जेक्ट है जो कि सभी एग्जाम में पूछे जाते हैं जैसे कि यूपी टीजीटी हिंदी क्वेश्चन पेपर, ssc exams hindi, upsc exams hindi , IAS EXAM HINDI, TGT EXAM HINDI , PCS RXAM HINDI , UPTET EXAM HINDI , TET EXAMS HINDI , CTET EXAMS HINDI, UP POLICE EXAM HINDI, UP GT exams hindi, आदि एग्जाम में हिंदी के क्वेश्चन पूछे ही जाते हैं हिंदी को पढ़ना जरूरी है क्योंकि हिंदी हमारी मातृभाषा है यहां पर आपको टीजीटी हिंदी के 85 मोस्ट इंपोर्टेंट क्वेश्चन दिए जा रहे हैं जो कि एग्जाम में बार-बार पूछे जाते हैं

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Table of Contents

1. ‘लालतारा’ के रचनाकार हैं- –

(i) राम वृक्ष बेनीपुरी

(3) निराला

(2) उदयशंकर भट्ट

(4) हरिऔध

उत्तर ( 1 ) : ‘लालतारा’ के रचनाकार रामवृक्ष बेनीपुरी हैं। इनकी अन्य प्रमुख रचनाएं हैं- पतितों के देश में, मोती की मूरतें, चिता के फूल, अम्बापाली तथा गेहूँ और गुलाब । स्रोत- नवीन हिन्दी, मिश्र एवं तिवारी, पृ0 81

2. तुलसीदास जी ने भी ‘भ्रमरगीत – परम्परा के अन्तर्गत ‘भ्रमरगीत’ की रचना की है, जो संकलित है-

(1) जानकी मंगल में 

(2) कृष्णगीतावली में

(3) गीतावली में

(4) कवितावली में

उत्तर (2) : तुलसीदास जी ने भ्रमरगीत परम्परा के अन्तर्गत भ्रमरगीत की रचना कृष्णगीतावली में की है। तुलसी की प्रमुख रचनाएं निम्न है – रामलला नहछू पार्वती मंगल, जानकी मंगल, बरवै रामायण, वैराग्य संदीपनी, रामाज्ञा प्रश्न, कवितावली, गीतावली, विनयपत्रिका तथा रामचरितमानस । स्रोत- नेट / स्लेट – हिन्दी पात्रता परीक्षा-डा० शर्मा,शर्मा, गुप्त – पृ० 335

भक्तन को कहा सीकरी सों काम / आवत जात पन्हैया टूटी विसरि गयो हरि नाम । “- ये किसकी प्रसिद्ध पंक्तियाँ हैं :-

(1) कुम्भनदास

(2) नन्ददास ..

(3) चतुर्भुजदास

(4) कृष्णदास

उत्तर ( 1 ) : कुम्भनदास परमानन्द के समकालीन थे। ये । अत्यन्त स्वाभिमानी भक्त थे। उन्होंने फतेहपुर सीकरी के राज सम्मान से खिन्न होकर कहा था- भक्तन को कहा सीकरी सो काम / आवत जात पन्हैया टूटी विसरि गयो हरिनाम स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ० 33

A. भक्तिकाल को सबसे पहले किसने हिन्दी साहित्य का‘स्वर्ण–युग’ कहा—

(1) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल

(3) हजारी प्रसाद द्विवेदी

(2) ग्रियर्सन

(4) मिश्रबन्धु

उत्तर (2)

5. ‘चंडी चरित्र’ किसकी विशिष्ट साहित्यिक रचना है- (1) गुरू गोविन्द सिंह 

(2) अर्जुनसिंह

 (3) रामदास

(4) अंगद

उत्तर (1) चंडी चरित्र गुरुगोविन्द सिंह की विशिष्ट साहित्यिक रचना है। इनकी रचनाओं के संग्रह का नाम ‘दशम ग्रन्थ है। इनकी शैली ओजस्विनी है। इन्होंने चौबीस अवतार नामक श्रृंगारपरक रचना भी की थी। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, N.C.E.R.T. 50-51विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ0 

‘तुलसीदास चन्दन घिसैं’ के लेखक है- 

(1) विद्यानिवास मिश्र

 (2) हरिशंकर परसाई

(3) कुबेर नाथ 

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (2) तुलसीदास चन्दन घिसे हरिशंकर परसाई की व्यंगपरक रचना है। इनकी अन्य व्यंग परक रचनाएँ निम्न लिखित हैं- हँसते हैं रोते हैं, तब की बात और थी, जैसे उनके दिन फिरे, सदाचार का ताबीज, पगडंडियों का जमाना वैष्णवकी फिसलन, शिकायत मुझे भी है, निठल्ले की डायरी. ठिठुरता हुआ गणतन्त्र एवं मेरी श्रेष्ठ व्यंग रचनाएं। स्रोत- नेट / स्लेट – हिन्दी पात्रता परीक्षा – डॉ० शर्मा शर्मा, गुप्त, पृ० 306 

*मेरे राम का मुकुट भीग रहा है किसका ललित निबन्ध संग्रह है-

(1) रामवृक्ष बेनीपुरी

 (2) कुबेर नाथ

(3) विद्या निवास मिक्ष

 (4) हरिशंकर परसाई

 उत्तर (3) मेरे राम का मुकुट भीग रहा है विद्या निवास मिश्र का ललित निबन्ध संग्रह है। इनके प्रमुख ललित निबन्ध संग्रह हैं- छितवन की छाँह कदम की फूली डाल. तुम चन्दन हम पानी, मैने सिल पहुँचाई, आँगन का पंक्षी और बनजारा मन, बसन्त आ गया पर कोई उत्कण्ठा नहीं, रीति विज्ञान की शब्द सम्पदा तथा हिन्दू धर्म और संस्कृति आदि ।स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा- डॉ० शर्मा शर्मा गुप्त – पृ० 306

‘रजिया बेगम’ किसकी रचना है

– (1) गोपाल राम गहमरी

 (2) किशोरी लाल गोस्वामी

(3) श्रद्धारा फुल्लौरी

 (4) प्रसाद

उत्तर (2) रजिया बेगम किशोरी लाल गोस्वामी द्वारा लिखित उपन्यास है। इनके अन्य प्रमुख उपन्यास हैं- तारा, चपला, नव्य समाज चित्र, तरुण तपास्वनी, कुटीर वासिनी, लीलावती का आदर्श सती, राजकुमारी, लवंगलता, हीराबाई. लखनऊ की कब्र आदि ।स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास N. C. E.R.T. विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ0 67

‘चतुरी चमार उपन्यास है-

(1) प्रेमचन्द

(2) निराला

( 3 ) भगवती चरण वर्मा

 (4) जैनेन्द्र

.उत्तर (2) चतुरी चमार निराला का उपन्यास है। निराला के अन्य प्रमुख उपन्यासों में प्रभावती, अलका, बिल्लेसुर बकरिहा, कुल्ली भाट आदि है। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, N.C.E.R.T.-विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ० 80

 ‘कुट्टिचाटन’ के उपनाम से किसके व्यक्तिपरक निबन्ध छपे हैं।

(1) मुक्तिबोध

(2) अज्ञेय

(3) भारत भूषण अग्रवाल

 ( 4 ) नेमिचन्द्र जैन

उत्तर (2) अज्ञेय के अनेक निबन्ध संग्रह प्रकाशित हो चुके है ‘कुट्टिचाटन’ के उपनाम से उनके व्यक्तिपरक निबन्ध छपे हैं। आत्मनेपद एवं भवंती उनके प्रतिनिधि निबन्ध संग्रह हैं। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ० 116

11. ‘सो सुख सुजस सुलभ मोहि स्वामी’ में कौन सा अलंकार है-

(1) उत्प्रेक्षा

(2) रूपक

(3) अनुप्रास

(4) व्यतिरेक

उत्तर (3) इसमें अनुप्रास अलंकार है क्योंकि इसमें एक वर्ण अर्थात ‘स’ की आवृत्ति कई बार हुई है। क्योंकि जहाँ पर वर्णों की आवृत्ति होती है वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है स्रोत- नालन्दा सामान्य हिन्दी डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, पृ0 455

12. मात्रिक विषय संयुक्त छन्द है-

(1) छप्पय

(2) कुण्डलियाँ

(3) हरिगीतिका

(4) सोरठा

उत्तर (2) मात्रिक विषम संयुक्त छन्द कुण्डलियाँ है। इसमें छह चरण होते हैं। इसमें एक दोहा तथा एक रोला होता है। दोहा का चौथा चरण रोला के प्रथम चरण में दुहराया जाता है तथा दोहे का प्रथम शब्द ही रोला के अन्त मैं आता है। छप्पय मात्रिक विषम छन्द है। हरिगीतिका मात्रिक सम छन्द हैं तथा सोरठा मात्रिक अर्द्ध सम छन्द है स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ० 117

13. परुष का विलोम शब्द है-

(1) बल

(3) कोमल

(2) शक्ति

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (3)

14. जंगम का विलोम शब्द है-

(1) पुष्ट

(2) स्थावर

(3) स्थिर

(4) पूर्ण

उत्तर (2)

 15. इनमें से बादल का पर्यायवाची शब्द नहीं है-

(1) जलद

(2) जलधि

(3) मेघ

(4) वारिद

उत्तर (2) जलधि समुद्र का पर्यायवाची शब्द है जबकि अन्य जलद, मेघ वारिद बादल के पर्यायवाची शब्द हैं। बादल के अन्य पर्यायवाची शब्द हैं-पयोद, अम्बुद, जलधर नीरद, पयोधर तथा वारिधर आदि ।स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ0 169

 16. अन्न को पचाने वाली अग्नि है-

(1) जठराग्नि

(3) दावाग्नि

(2) बड़वाग्नि

(4) दावानल

उत्तर (1) अन्न को पचाने वाली अग्नि जठराग्नि कहलाती है जबकि समुद्र की अग्नि को बड़वाग्नि कहते हैं तथा जंगल की आग को दावाग्नि कहते हैं। स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ0 185

17. ‘सन्देश रासक’ के रचयिता है-

(1) अमीर खुसरो

(2) अब्दुर्रहमान …

(3) लक्ष्मीधर

(4) हेमचन्द्र

उत्तर (2) सन्देशरासक के रचयिता अब्दुर्रहमान हैं। अब्दुर्रहमान अपने नाम से इस्लाम धर्मावलम्बी ज्ञात होते है, किन्तु उनकी रचना पर इस्लाम का प्रभाव नहीं के बराबर है। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ0 5

18. ‘कालिदास हजारा की रचना की :-

(1) भारतेन्दु ने

(3) चिन्तामणि

(2) घनानन्द ने

(4) कालिदास ने

उत्तर (4) कालिदास हजारा नामक मुक्तक ग्रन्थ कीरचना रीतिकालीन कवि कालिदास ने की है। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, पृ० 52

19. ‘आचरण की सभ्यता निबन्ध के लेखक हैं :-

 (1) चन्द्रधर शर्मा गुलेरी

 (2) अध्यापक पूर्ण सिंह

(3) श्याम सुन्दर दास

 (4) बाल मुकुन्द गुप्त

(2) आचरण की सभ्यता निबन्ध के लेखक अध्यापक पूर्ण सिंह है। इनके अन्य प्रमुख निबन्ध हैं-सच्ची वीरता, पवित्रता, मजदूरी और प्रेम कन्यादान, अमेरिका का मस्त योगी वाल्ट हिटमैन आदि । स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ0 77

20. ‘सुलोचना’ निबन्ध संकलन है-

(1) रामचन्द्र शुक्ल

(3) बालकृष्ण भट्ट

(2) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र 

(4) जैनेन्द्र कुमार.

उत्तर (2) सुलोचना भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का निबन्ध संकलन है। इनके अन्य निबन्ध संकलन है-परिहास वंचक, दिल्ली दरबार दर्पण तथा लीलावती आदि।स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ0 77

21. ‘तूफानों के बीच’ नामक रिपोर्ताज के लेखक हैं- 

(1) शिवदान सिंह चौहान

 (2) रांगेय राघव

(3) धर्मवीर भारती

(4) शमशेर बहादुर सिंह

उत्तर (2) तूफानों के बीच’ नामक रिपोर्ताज के लेखक रांगेय राघव हैं। शिवदान सिंह चौहन ने ‘लक्ष्मीपुरा, धर्मवीर भारती ने ‘युद्ध यात्रा’ तथा शमशेर बहादुर सिंह ने प्लाट को मोर्चा’ नामक रिपोर्ताज की रचना की।

22. ‘घुमक्कड़शास्त्र’ यात्रावृत्त के लेखक हैं-

 (1) सत्यदेव परिब्राजक

 (2) राहुल सांकृत्यायन

(3) यशपाल

(4) अज्ञेय

उत्तर (2) घुमक्कड़शास्त्र के लेखक राहुल सांकृत्यायन हैं। इनके द्वारा लिखित अन्य यात्रावृत्त हैं मेरी लद्दाख यात्रा, मेरी तिब्बत यात्रा, यात्रा के पन्ने, रूस में पच्चीस मास, एशिया के दुर्लभ भूखण्डों में, आदि

23. ‘आवारा मसीहा’ किसकी जीवनी है-

(1) प्रेमचन्द

(2) शरत चन्द्र

(4) निराला

(3) पन्त

उत्तर (2) आवारा मसीहा विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखित शरत चन्द्र की जीवनी है। जबकि प्रेमचन्द की जीवनी कलम का सिपाही’ के लेखक अमृतराय हैं, पन्त की जीवनी के लेखक शान्तिजोशी हैं तथा निराला की जीवनी ‘निराला की साहित्य साधना, के लेखक रामविलास शर्मा जी है। स्रोत- हिन्दी साहित्य युग और प्रवृत्तियाँ- डा० शिवकुमार शर्मा, पृ0 641

24. मेरा जीवन प्रवाह किसकी आत्मकथा है-

(1) राहुल सांकृत्यायन

(2) वियोगी हरि

(3) शान्तिप्रिय द्विवेदी

 (4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (2) मेरा जीवन प्रवाह वियोगी हरि की आत्मकथा है जबकि राहुल सांकृत्यायन की आत्मकथा मेरी जीवन यात्रा तथा शान्ति प्रिय द्विवेदी की आत्मकथा परिव्राजक की कथा है। स्रोत- हिन्दी साहित्य-युग और प्रवृत्तियाँ-डॉ० शिवकुमार शर्मा, पृ० 642

25. ‘सफेद कौआ’ कहानी के लेखक हैं-

. (1) मंजुल भगत

 (2) रमेश बतरा

(3) मृदुला गर्ग

(4) सुरेन्द्र तिवारी

उत्तर (1)

26. हिन्दी का प्रथम मौलिक उपन्यास है-

 (1) परीक्षा गुरु

(2) भाग्यवती

(3) नूतन ब्रहमचारी

 (4) इनमें से कोई नहीं

 उत्तर (1) हिन्दी का प्रथम मौलिक उपन्यास श्री निवास दास कृत परीक्षा गुरू है। इस रचना में दिल्ली के एक सेठ पुत्र की कहानी है। भाग्यवती श्रद्धा राम फुल्लौरी कृत उपन्यास है तथा नूतन ब्रह्मचारी’ बाल कृष्ण भट्ट का उपन्यास है। स्रोत- हिन्दी साहित्य-युग और प्रवृत्तिय डॉ० शिव कुमार शर्मा – पृ० संख्या 582

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27. ‘सरकटी लाश उपन्यास के लेखक हैं- 

(1) बाबू देवकी नाथ खत्री

(2) गोपालराम गहगरी

(3) लज्जाराम मेहता

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (2) सरकटी लाश उपन्यास के लेखक गोपालराम गहगरी है। इन्होंने अधिकांशतः जासूसी उपन्यासों की रचना की है। इनके प्रमुख उपन्यास हैं- जासूस की भूल, जासूस की जासूसी, गुप्त भेद जासूस की ऐय्यारी आदि। स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ० 64

28. ‘लालटीन की छत के लेखक हैं-

(1) भीष्म साहनी

 (2) ऊषा प्रियंबदा 

(4) नरेन्द्र कोहली

(3) निर्मलवर्मा

उत्तर (3) लालटीन की छत निर्मल वर्मा द्वारा लिखित उपन्यास है। इनमें द्वारा लिखित अन्य प्रमुख उपन्यास है-वे दिन तथा चिथड़ा सुख भीष्म साहनी का प्रमुख उपन्यास तभस है। स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ0 65

29. नौकर की कमीज के लेखक हैं-

 (1) असगर वजाहट

 (2) विनोद कुमार शुक्ल

(3) भगवानदास मोरवाल

 (4) मृदुला गर्ग

उत्तर (2)

30. निर्मल वर्मा का चर्चित कहानी संग्रह है-

(1) परिन्दे

(2) तलाश

(3) बंजर

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (1) निर्मल वर्मा मन की गहरी परतों को उघाड़ने वाले कहानीकार हैं। ‘परिन्दे उनका चर्चित कहानी संग्रह है। इसके अलावा बीच बहस में तथा पिछले गर्मियों मेंउनके कहानी संग्रह है। लन्दन की रात’ तथा कुत्ते की मौत प्रमुख कहानियाँ हैं। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी. पृ० 111

31. ‘बलदेव खटिक किसकी कविता है-

 (1) धूमिल की

(2) लीलाधर जूगड़ी की

 (3) बलदेव वंशी

 (4) इनमें से कोई नहीं.

उत्तर (2) बलदेव खटिक लीलाधर जूगड़ी की उल्लेखनीय कविता है। इसके अलावा जूगड़ी की इस व्यवस्था में कविता प्रसिद्ध है। नाटक जारी है तथा बची हुई पृथ्वी’ इनके प्रमुख कविता-संग्रह हैं। स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा-डॉ० शर्मा शर्मा-गुप्त, पृ0 213

32. ‘संदर्भ’ के लेखक हैं-

(1) डॉ० विनय 

(3) श्रीराम वर्मा

(2) दूधनाथ सिंह

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (1) डॉ0 विनय की ‘संदर्भ’ एक संयुक्त कवि प्रयास है। इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं- एक पुरुष और दूसरा राग और पुनर्वास का दण्ड ‘एक पुरूष और आठवें दशक की प्रबन्ध कृति है।स्रोत- नेट / स्लेट – हिन्दी पात्रता परीक्षा-डॉ० शर्मा शर्मा – गुप्त – पृ० 213

‘मोचीराम’ तथा ‘पटकथा’ के लेखक हैं-

(1) चन्द्रकान्त देवताले 

(2) धूमिल

(3) बलदेव वंशी

(4) इनमें से कोई नहीं

 उत्तर (2) 

34. ‘समाधिलेख’ के लेखक हैं-

(1) श्रीराम वर्मा

(2) श्रीकान्त वर्मा

(3) दूधनाथ सिंह 

(4) इनमें से कोई नहीं

 उत्तर (2) 

35. ‘आत्मजयी’ के लेखक हैं-

(2) दुष्यन्त कुमार

(4) इनमें से कोई नहीं

(1) कुँवर नारायण 

(3) रघुवीर सहाय

उत्तर (1): ‘आत्मजयी कुँवर नारायण की रचना है इनकी प्रमुख काव्य कृतियाँ हैं- तीसरा सप्तक में संकलित कविताएँ, चक्रव्यूह परिवेश- हम तुम आमने-सामने तथा कोई दूसरा नहीं आदि। . स्रोत- नेट / स्लेट – हिन्दी पात्रता परीक्षा-डॉ० शर्मा शर्मा- गुप्त-पृष्ठ संख्या 210

36. ‘ठंडा लोहा’ के रचनाकार हैं-

(1) गिरजा कुमार माथुर 

(2) धर्मवीर भारती 

(3) दुष्यन्त कुमार 

(4) जैनेन्द्र कुमार

उत्तर (2) ठंडा लोहा के रचनाकार धर्मवीर भारती है। इनकी अन्य प्रमुख रचनाएँ हैं- अंधायुग, सात गीत वर्ष कनुप्रिया, सपना अभी भी गुनाहों का देवता, सूरज का सातवाँ घोड़ा, चाँद और टूटे हुए लोग बन्द गली का आखिरी मकान आदि स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा-डॉ० शर्मा शर्मा गुप्त, पृ0 207

37. ‘किसान’ के रचनाकर हैं-

(1) मैथिलीशरण गुप्त 

(2) निराला

 (3) हरिऔध

(4) प्रसाद

उत्तर (1) किसान के रचनाकार मैथिली शरण गुप्त हैं। इनकी अन्य प्रमुख रचनाएँ हैं-रंग में भंग, जयद्रथ वध, भारत, भारती, पंचवटी, झंकार, मंगलघट नहुष आदि है। स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा डॉ० शर्मा, शर्मा, गुप्त, पृ० 175

38. ‘सरस्वती’ पत्रिका के सम्पादक हैं-

(1) महावीर प्रसाद द्विवेदी

(2) हजारी प्रसाद द्विवेदी

(3) गणेश शंकर विद्यार्थी

 (4) इनमें से कोई नहीं

3.उत्तर (1) सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन सन् 1900 मेंप्रारम्भ हुआ। 1903 ई० में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने सरस्वती पत्रिका का सम्पादन भार सम्भाला। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास- विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ0 64

39. शेखर जोशी की रचना है-

(1) मकान (2) हत्यारे

(3) कोसी का घटवार

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (3) शेखर जोशी की रचना ‘कोसी का घटवार है इनकी अन्य रचनाएँ हैं-दाज्यू, बदबू हलवाहा आदि ।स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ० 111

प्रयाग रामागमन’ के लेखक हैं-

(1) बालकृष्ण भट्ट

(3) प्रेमचन

(2) प्रतापनारायण मिश्र

 (4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (3) प्रयाग रामागमन के लेखक बंदरी नारायण चौधरी प्रेमधन है। इनकी अन्य रचनाएं हैं भारत सौभाग्य, जीर्ण जनपद आदि प्रेमघन ने आनन्द- कादम्बिनी नाम की 1 पत्रिका तथा नागरी नीरद नामक पत्र भी निकालते थे। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ0 61

41. ‘मधुमालती’ के रचनाकार हैं –

(1) मंझन

(3) जायसी

(2) कुतुबन

(4) मुल्ला दाऊद

उत्तर (1) मधुमालती के रचनाकार मंझन है। मधुमालती में मनोहर और मधुमालती के सामानान्तर प्रेमा और तारा चन्द की प्रेम कथा चलती है। कुतुबन ने मृगावती’, जायसी ने ‘पद्मावत’ तथा मुल्ला दाऊद ने ‘चन्दायन की रचना की है। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ० 241

42. ‘सहजयान’ के प्रवर्तक हैं-

(1) सरहपा

(3) लइपा

(2) शबरपा

(4) कण्हपा

उत्तर (1)

43. ‘विश्वामित्र’ नाटक के लेखक हैं-

(1) गोविन्द बल्लभ पंत

 (2) उदयशंकर भट्ट 

(3) लक्ष्मीनारायण मिश्र 

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (2) उदयशंकर भट्ट का ‘विश्वामित्र’ पौराणिक आधार पर लिखा गया रीति नाटक है। इन्होंने पौराणिक आधार लेकर इन्होंने राधा एवं मत्स्यगंधा आदि रीति नाटको की रचना की। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास- विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ० 85

“शिवासाधना’ नाटक है-

(1) प्रसाद का

, (2) हरिकृष्ण का

(3) सेठ गोविन्द दास का

 (4) उदयशंकर भट्ट का

उत्तर (2) हरिकृष्ण प्रेमी का ‘शिवा साधना छत्रपति शिवाजी के जीवन पर आधारित नाटक है। प्रेमी के नाटकों के कथोपकथन स्वाभाविक हैं। इनका एक अन्य नाटक रक्षाबन्धन’ है। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास,

45.विश्वनाथ त्रिपाठी,  ‘जनमेजय का नागयज्ञ’ के लेखक हैं-

(1) पन्त

(2) निराला

(3) प्रसाद 

(4) हरिऔध 

उत्तर (3) जनमेजय का नागयज्ञ के लेखक प्रसादं जी है। इनके अन्य प्रसिद्ध नाटक हैं- सज्जन कल्याणी परिणय, करूणालय, प्रयश्चित, राज्य श्री विशाख, अजातशत्रु, कामना, स्कन्दगुप्त, एक घूँट, चन्द्रगुप्त ध्रुवस्वामिनी आदि। स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा, डॉ० शर्मा, शर्मा गुप्त, पृ० 295

46. गोदान उपन्यास है-

(1) यथार्थवादी

(2) आदर्शोन्मुख यथार्थवादी

 (4) यथार्थोन्मुख आदर्शवादी

Uttar 1

47. अलंकार सिद्धान्त के प्रवर्तक आचार्य थे-

(3) आदर्शवादी

(1) दण्डी

(2) भामह

(3) उदभट्ट

(4) राजशेखर

उत्तर (2)

48. विप्रलम्भ श्रृंगार में वियोग की कितनी दशाएँ मानी गयी हैं ?

(1) 10

(3) 14

(2) 12

(4) 16

उत्तर (1)

हिन्दी के प्रथम गद्यकार हैं-

(1) बाल कृष्ण भट्ट 

(2) लल्लूलाल

( 3 ) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

 (4) राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द

उत्तर (2)

50. ‘कलाघर’ उपनाम से कविता लिखते थे-

(1) भगवती चरण वर्मा 

(2) जयशंकर प्रसाद

(3) मैथिली शरण गुप्त 

(4) माखन लाल चतुर्वेदी 

उत्तर (2)

 51. काव्य के विशिष्ट तत्व के रूप में ‘ध्वनि’ शब्द का

सर्वप्रथम प्रयोग किया-

(1) यामह ने

(2) दण्डी ने

(3) आनन्द वर्द्धन 

(4) कुन्तक ने

का सर्वप्रथम प्रयोग नवम् शताब्दी के मध्य में होने वाले कश्मीरी विद्वान आनन्दवर्द्धन के युगान्तकारी ग्रन्थ ध्वन्यालोक”में मिलता है। भारतीय काव्यशास्त्र, निशा अग्रवाल, पृ0 79 उत्तर (3) काव्य के विशिष्ट तत्व के रूप में ध्वनि शब्द

52. ‘जननी तू जननी भई विधि सन कछु न बसाय’ में कौन सा अलंकार है-

(1) छेकानुप्रास

 (2) वृत्यानुप्रास 

(4) इनमें से कोई नहीं

(3) लाटानुप्रास

उत्तर (3) इस पंक्ति में लाटानुप्रास अलंकार है। जहाँ शब्दों या वाक्यों की आवृत्ति हो और उनका अर्थ भी एक ही हो, केवल अन्वय करने पर अर्थ बदल जाए, यहाँ लाटानुप्रास अलंकार होता है। स्रोत- भारतीय काव्यशास्त्र, निशा अग्रवाल, पृ0 59 

‘धनंजय’ में समास है-

(1) तत्पुरुष

(2) कर्मधारय

(3) बहुब्रीह

(4) अव्ययीभाव

उत्तर (3) धनंजय में बहुब्रीह समास है। अन्य पद प्रधान समास को बहुब्रीह समास कहते हैं। इसमें दोनों पद किसी अन्य अर्थ को व्यक्त करते हैं और वे किसी अन्य संज्ञा के विशेषण की भाँति कार्य करते हैं। स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ0 151

54. निम्नलिखित में से एक शब्द की वर्तनी अशुद्ध है-

(1) उज्जवल

 (3) कवियित्री

(2) कवयित्री 

(4) मोक्ष

उत्तर (3)

उपभाषा वर्ग की बोली है-

.

(1) पश्चिमी हिन्दी 

(3) बिहारी

(2) पूर्वी हिन्दी 

(4) पहाड़ी

उत्तर (1) बांगरू को हरियाणवी भी कहा जाता है। यह पश्चिमी हिन्दी की बोली है। पश्चिमी हिन्दी की अन्य बोलियाँ हैं- खड़ीबोली या कौरवी, ब्रजभाषा, बुन्देली, कन्नौजी आदि स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ० 

56. बूंद अघात सहै गिरि कैसे खल के बचन सन्त सह

जैसे। में अलंकार है-

(1) उपमा

(2) उदाहरण

(3) उत्पेक्षा

(4) रूपक

उत्तर (2)

57. ‘वैराग्य संदीपनी’ के रचनाकार है-

(1) सूरदास 

(3) तुलसीदास

 (4) नन्ददास

(2) रहीम

उत्तर (3) वैराग्य संदीपनी तुलसीदास की रचना है। इनकी अन्य प्रमुख कृतियाँ हैं- राम लला नहछू रामाज्ञा प्रश्नावली, जानकी मंगल, राम चरितमानस, पार्वती मंगल, कवितावली, गीतावली, कृष्ण गीतावली, विनय पत्रिका, बरवै रामायण, दोहावली तथा हनुमान बाहुक स्रोत- हिन्दी | साहित्य का इतिहास, मिश्र एवं पाण्डेय, पृ0 91

58.’उर्मिला’ किसका प्रबन्ध काव्य है-

(1) नरेन्द्र शर्मा

 (2) रामेश्वर शुक्ल अंचल 

(3) बालकृष्ण शर्मा नवीन 

( 4 ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (4): उर्मिला’ बालकृष्ण शर्मा नवीन का प्रबन्ध काव्य है नवीन जी अन्य प्रमुख कृतियां हैं-कुंकुम, रश्मिरेखा. अपलक, क्वासि विनोबा स्तवन, प्राणार्पण, हम विषपायी जनम के आदि स्रोत- नेट / स्लेट – हिन्दी पात्रता परीक्षा, डॉ० शर्मा, शर्मा गुप्त, पृ० 1961

59. ‘अपराजिता’ के लेखक है-

(1) नरेन्द्र शर्मा

 (3) दिनकर

(2) अंचल

(4) माखन लाल चतुर्वेदी

उत्तर (2 रामेश्वर शुक्ल अंचल ‘अपराजिता के लेखक :हैं वे मूलतः प्रेम और रोमांस के कवि हैं। मधुलिका, किरण | बेला, करील, लाल चूनर वर्षान्त के बादल और विरामचिन्ह इनकी अन्य प्रमुख कृतियाँ हैं।स्रोत- नेट स्लेट हिन्दी पात्रता परीक्षा, डॉ० शर्मा, शर्मा गुप्त, पृ० 197

60.’रूपाम’ के सम्पादक है-

(1) पन्त

(2) प्रसाद

(3) निराला

(4) हरिऔध

उत्तर (1) सन् 1938 में पन्त जी के सम्पादकत्व में ‘रूपाभ’ का प्रकाशन हुआ। यह मुख्यतः प्रगतिशील विचारधारा का पत्र था, किन्तु इसमें प्रगतिवाद शब्द नहीं आया है। स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा-डॉ० शर्मा, शर्मा, गुप्त पृ० 1991

61. सागर मुद्रा’ के लेखक हैं-

(1) मुक्त्ति बोध

(2) अज्ञेय

(3) धर्मवीर भारती

 (4) गिरिजा कुमार माथुर

अन्य प्रमुख कृतियाँ है हरी घास पर क्षण भर बावरा अहेरी, इन्द्रधनुष रौंदे हुए, अरी ओ करूणा प्रभामय, आँगन के भार द्वार कितनी नावों में कितनी बार, क्योंकि मैं उसे जानतः हूँ, महावृक्ष की नीचे नदी की बाँक पर छाया असाध्यवीण आदि।स्रोत- नेट / स्लेट – हिन्दी पात्रता परीक्षा, डॉ० शर्मा, शर्मा, शर्मा, पृ० 205उत्तर (2) सागर मुद्रा’ के लेखक अज्ञेय जी है। इनकी

 

62.’प्रत्यक्ष’ में संधि हैं-

(1) गुण

(2) दीर्घ

(3) अयादि

(4) यण.

उत्तर (4)

63. नीलोत्पलम् में कौन सा समास है-

(1) कर्मधारय

(2) बहुब्रीहि

(3) अव्ययीभाव

(4) तत्पुरुष

 उत्तर (1)

64. हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा का

सूत्रपात किसने किया-

(1) जार्ज गियर्सन

(2) गार्सा-द-तासी

(3) रामचन्द्र शुक्ल

 उत्तर (2)

(4) मिश्रबन्धु

 उत्तर (1)

65.उदयमान चरित के लेखक हैं-

(1) लल्लू लाल 

(2) सदलमिश्र 

(3) सदासुख लाल 

(4) इंशा अल्ला खाँ

उत्तर (4): उदयभान चरित’ या रानी केतकी की कहानी’ के लेखक इंशाअल्ला खाँ है जबकि लल्लू लाल ने प्रेमसागर. सदल मिश्र ने ‘नासिकेतोपख्यान’ तथा सदासुख लाल ने सुख सागर की रचना की है। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ0 55

शिल्पी व्याख्यात्मक

66. ‘आघागाँव’ उपन्यास है-

(1) कृष्णा सावती 

(3) राही मासूम राजा

 (4) भगवती चरण वर्मा

(2) रेणु

उत्तर (3) आधा गाँव’ उपन्यास के लेखक राही मासूम रजा हैं। ये अंकुट यथार्थ चित्रण में विशिष्ट हैं। इस उपन्यास में पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक गाँव में बसे मुसलमान ग्रामीणों की कथा है जो पाकिस्तान के बारे में कुछ नहीं जानते, लेकिन भारत विभाजन की त्रासदी झेल रहे हैं। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास- विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ० 105

67.’माटी की मूरतें’ की विधा है-

(1) संस्मरण

(2) रेखाचित्र 

(4) आत्मकथा

(3) जीवनी

उत्तर (1) माटी की मूरतें रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा लिखित संस्मरण है। इनके संस्मरण सम्बन्धी विशिष्ट रचनाएं है- लालतारा, गेहूँ और गुलाब तथा मील के पत्थर आदि स्रोत- हिन्दी साहित्य-युग और प्रवृत्तियाँ – डॉ० शिव कुमार शर्मा पृ० 638

68. अमन का राग के लेखक हैं-

(1) भवानी प्रसाद मिश्र 

(2) मुक्तिबोध

(3) शमशेर बहादुर सिंह 

(4) इनमें से कोई नहीं 

उत्तर (3) अमन का राग शमशेर बहादुर सिंह द्वारा लिखी गयी कविता है। इनकी अन्य कविताएँ हैं- सलोना जिस्म तथा आओ न हैं। कुछ और कविताएं इनका चर्चित कविता संग्रह है। इसके अलावा उदिता और ‘दूसरा सप्तक’ में इनकी कविताएं संकलित हैं। स्रोत-हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ० 126

69. रेल का विकट खेल’ नाटक के रचनाकार हैं- 

(1) भारतेन्दु 

(2) प्रताप नारायण मिश्र 

(3) बालकृष्ण भट्ट

 (4) प्रेमघन

उत्तर (3) रेल का विकट खेल नाटक के रचनाकार बालकृष्ण भट्ट जी हैं। उन्होंने कलिराज की सभा’, ‘बाल विवाह, चन्द्रसेन आदि नाटकों की रचना की। भट्ट जी हिन्दी प्रदीप’ नामक पत्र भी निकालते थे। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास- विश्वनाथ त्रिपाठी- पृ0 61

70.’कान काटना मुहावरे का अर्थ है- 

(1) कटखाना होना

(2) चतुर होना

 (3) मूर्ख होना 

(4) विनम्र होना

उत्तर (2)

71. कौन-सी वर्तनी ठीक है-

(1) रचैता

(3) रचयिता 

(2) रचइता

(4) रचयता

उत्तर (3)

72. घड़ी में तोला घड़ी में माशा का अर्थ है-

(1) बहुत ही नाजुक मिजाज

 (2) डण्डी मारने में कुशल व्यापारी

(3) ऐसा व्यापार जिसमें एक पल मुनाफा हो तो दूसरे कहीनुकसान

 (4) जरा सी बात पर खुश और नाराज होना 

उत्तर (4)

73. ‘कलिकौतुक रूपक’ के लेखक हैं-

(1) प्रेमधन

(2) प्रतापनारायण मिश्र 

(4) इनमें से कोई नहीं

(3) बालकृष्ण भट्ट

उत्तर (2) कलिकौतुक रूपक के लेखक प्रतापनारायण मिश्र हैं। इनकी अन्य रचनाएं है- संगीत शाकुन्तल, भारत दुर्दशा, हठी हम्मीर, गोसंकट, कलिप्रभाव, जुआरी – खुआरी आदि वे ‘ब्राह्मण’ नामक पत्रिका भी निकालते थे। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ0 61

74. ‘ज्ञानबोध’ के रचनाकार है-

(2) मलूकदास

(4) इनमें से कोई नहीं

(1) सुन्दरदास 

(3) रज्जब

उत्तर (2) : ‘ज्ञानबोध’ मलूकदास की रचना है ये इलाहाबाद के रहने वाले थे। इनकी अन्य रचनाएं है-रतनखान, भक्त बच्छावलि, भक्त विरुदावली, पुष्पविलास, दसरत्नग्रंथ, गुरुप्रताप, अखल बानी और रामावतार लीला आदि। मलूकदास ने अवधी और ब्रजभाषा में काव्य रचना की। स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा.डॉ० शर्मा, शर्मा, गुप्ता पृ० 118

75. पद्मावत् की विधा है-

(1) प्रबन्ध काव्य

(2) खण्ड काव्य

(3) मुक्तक काव्य 

(4) महाकाव्य 

उत्तर (1): जायसी द्वारा लिखा गया पद्मावत’ प्रबन्ध काव्य है। जायसी की अन्य रचनाओं में प्रमुख हैं- अजरावत, आखिरी कलाम, चित्ररेखा, कहरनामां, मसलनामा कान्हावंत आदि स्रोत- नेट / स्लेट – हिन्दी पात्रता परीक्षा, डॉ० शर्मा, शर्मा, गुप्त- पृ० 127

76. भ्रमरगीत परम्परा में ‘भँवरगीत की रचना की है-

(1) नन्ददास 

(3) रत्नाकर

(2) सूरदास 

(4) ब्रजवासीदास

उत्तर (1) भ्रमरगीत परम्परा में भँवरगीत की रचना नन्ददास ने की है जबकि सूरदास ने ‘भ्रमरगीत’ की रत्नाकर ने ‘उद्धवशतक की तथा ब्रजवासीदास ने ‘ब्रजविलास’ नामक भ्रमरगीत काव्य की रचना की है। स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा, डॉ० शर्मा शर्मा – पृ० 138

77. ‘सुजान सागर के लेखक हैं-

(1) घनानन्द

(3) ठाकुर

(2) बोधा

(4) आलम

उत्तर (1) सुजान सागर घनानन्द की रचना है। इनकी अन्य रचनाओं में विरहलीला, कोकसार, रसकेलि बल्ली, और कृपाकाण्ड आदि है स्रोत हिन्दी साहित्य-युग और प्रवृत्तियां – शिवकुमार शर्मा, पृ० 379

78. विनय पत्रिका की भाषा है-

(1) अवधी

(2) ब्रजभाषा

(3) ब्रजमिश्रित अवधी 

(4) खड़ीबोली 

उत्तर (2)

73. ‘कलिकौतुक रूपक’ के लेखक हैं-

(1) प्रेमधन

(2) प्रतापनारायण मिश्र 

(4) इनमें से कोई नहीं

(3) बालकृष्ण भट्ट

उत्तर (2) कलिकौतुक रूपक के लेखक प्रतापनारायण मिश्र हैं। इनकी अन्य रचनाएं है- संगीत शाकुन्तल, भारत दुर्दशा, हठी हम्मीर, गोसंकट, कलिप्रभाव, जुआरी – खुआरी आदि वे ‘ब्राह्मण’ नामक पत्रिका भी निकालते थे। स्रोत- हिन्दी साहित्य का इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, पृ0 61

74. ‘ज्ञानबोध’ के रचनाकार है-

(2) मलूकदास

(4) इनमें से कोई नहीं

(1) सुन्दरदास

 (3) रज्जब

उत्तर (2) : ‘ज्ञानबोध’ मलूकदास की रचना है ये इलाहाबाद के रहने वाले थे। इनकी अन्य रचनाएं है-रतनखान, भक्त बच्छावलि, भक्त विरुदावली, पुष्पविलास, दसरत्नग्रंथ, गुरुप्रताप, अखल बानी और रामावतार लीला आदि। मलूकदास ने अवधी और ब्रजभाषा में काव्य रचना की। स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा.डॉ० शर्मा, शर्मा, गुप्ता पृ० 118

75. पद्मावत् की विधा है-

(1) प्रबन्ध काव्य

(2) खण्ड काव्य

(3) मुक्तक काव्य 

(4) महाकाव्य

 उत्तर (1): जायसी द्वारा लिखा गया पद्मावत’ काव्य है। जायसी की अन्य रचनाओं में प्रमुख हैं- अजरावत, आखिरी कलाम, चित्ररेखा, कहरनामां, मसलनामा कान्हावंत आदि स्रोत- नेट / स्लेट – हिन्दी पात्रता परीक्षा, डॉ० शर्मा, शर्मा, गुप्त- पृ० 127

76. भ्रमरगीत परम्परा में ‘भँवरगीत की रचना की है-

(1) नन्ददास

 (3) रत्नाकर

(2) सूरदास 

(4) ब्रजवासीदास

उत्तर (1) भ्रमरगीत परम्परा में भँवरगीत की रचना नन्ददास ने की है जबकि सूरदास ने ‘भ्रमरगीत’ की रत्नाकर ने ‘उद्धवशतक की तथा ब्रजवासीदास ने ‘ब्रजविलास’ नामक भ्रमरगीत काव्य की रचना की है। स्रोत- नेट / स्लेट-हिन्दी पात्रता परीक्षा, डॉ० शर्मा शर्मा – पृ० 138

77. ‘सुजान सागर के लेखक हैं-

(1) घनानन्द

(3) ठाकुर

(2) बोधा

(4) आलम

उत्तर (1) सुजान सागर घनानन्द की रचना है। इनकी अन्य रचनाओं में विरहलीला, कोकसार, रसकेलि बल्ली, और कृपाकाण्ड आदि है स्रोत हिन्दी साहित्य-युग और प्रवृत्तियां – शिवकुमार शर्मा, पृ० 379

78. विनय पत्रिका की भाषा है-

(1) अवधी

(2) ब्रजभाषा

(3) ब्रजमिश्रित अवधी

 (4) खड़ीबोली 

उत्तर (2)

79. बिहारी सतसई पर ‘फिरंगे सतसई’ नाम से फारसी भाषा में एक टीका लिखी गयी, जिसके टीकाकार हैं-

(1) फिराक गोरखपुरी

 (3) अमीर खुसरो

(2) आनंदी लाल शर्मा

(4) मिर्जा गालिब

उत्तर (2)

80. चौरासी वैष्णवन की वार्ता और दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता मूल रूप से –

 (1) जीवन वृत्त है

Sa(2) कथा – कहानी

(3) आत्मकथा है 

(4) निबन्ध है

उत्तर ( 1 ) : चौरासी वैष्णवन की वार्ता और दो सौ वैष्णवन की वार्ता गोकुलनाथ द्वारा लिखित कृष्णभक्त कवियों का जीवन-वृत्त हैं। स्रोत- प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृ० 23

81. हिन्दी का पहला समाचार-पत्र कौन-सा था-

(1) संवाद कौमुदी.. 

(2) दिग्दर्शन 

(3) उदंत मार्तण्ड (1826) 

(4) बंगदूत

उत्तर ( 3 ) :

82. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किसे हिन्दी का पहला

उपन्यास माना है-

(1) की कहानी –

(2) परीक्षा गुरू

(3) भाग्यवती

( 4 ) नूतन ब्रह्मचारी

लास्ट क्वेश्चन का आंसर कमेंट बॉक्स में बताइए

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